उत्तर प्रदेश में मथुरा से बरेली तक हाईवे सफर अब और तेज, सुरक्षित और सुगम होने जा रहा है। एनएचएआई मथुरा-बरेली कॉरिडोर को छह लेन बनाने जा रहा है। इस बड़े प्रोजेक्ट के चौथे पैकेज के लिए बदायूं से बरेली के बीच 37 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाया जाएगा। इसके लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और हरियाणा की धारीवाल बिल्डटेक लिमिटेड कंपनी के बीच करार हो चुका है। इसके लिए बदायूं के 12 गांवों की करीब 33.43 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। अब ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस हाईवे के बनने से कनेक्टिविटी में सुधार होने के साथ-साथ आसपास की जमीनों के दाम भी आसमान छू सकते हैं।
यह महत्वाकांक्षी हाईवे मथुरा से हाथरस, फिर बदायूं होते हुए बरेली तक जाएगा। इसके चौथे पैकेज में बदायूं से बरेली के बीच 37 किलोमीटर लंबे हाईवे का निर्माण किया जाना है। इस काम पर करीब ₹600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। कंपनी को अक्टूबर 2025 तक यानी अगले पांच महीने के अंदर काम शुरू करना होगा।
इस प्रोजेक्ट के लिए बदायूं जिले के जिन 12 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है, उनमें चंदनगर, करतौली, कुतुबपुरथरा, वाकरपुर खंडहर, रहमा, डुमैरा, उझैली, रसूलपुर, ढकिया, मलिकपुर, मलगांव, घटपुरी और बिनावर शामिल हैं। इन गांवों के किसानों को कुल ₹60 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा जाना है, जिसमें से ₹5 करोड़ रुपये का मुआवजा अब तक दिया जा चुका है। बाकी किसानों को भी जल्द ही मुआवजा मिलने की प्रक्रिया चल रही है।
यह पूरा मथुरा-बरेली कॉरिडोर 228 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी कुल लागत करीब ₹7700 करोड़ रुपये आएगी। NHAI का लक्ष्य है कि यह पूरा हाईवे सिर्फ 2 साल में बनकर तैयार हो जाए।
यह हाईवे न सिर्फ इन क्षेत्रों के बीच यात्रा को तेज और सुगम बनाएगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय लोगों को नए अवसर मिलेंगे।
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